KUNKURI EVENTS
JADUGAR N SAMRAT OF PATNA IN KUNKURI
FROM 18.12.2010
TO 15.01.2010
DAILY 11.00 AM , 02.. PM AND 05.00 PM
Wednesday 22 December, 2010
Tuesday 2 November, 2010
आँखों के दीये
आँखों के दीये
आज उसके झुर्री वाले हाथ तेज़ी से चल रहे हैं। मिट्टी से सने हाथों से वो एक के बाद एक नन्हें-नन्हें दीये बनाता जा रहा है। उसकी दस साल की लड़की और आठ साल का लड़का बड़ी तल्लीनता से उसे काम करता देख रहे हैं। घरवाली दीयों को सुखाकर रंग रही है। दोनों लोग एक लय में काम कर रहे हैं। दीवाली जो पास है। दीवाली ही तो एक ऐसा मौका है जब मिट्टी भी मोल बिकती है। इसी माटी के बदले वो बच्चों के लिए कपड़े और मिठाई लाएगा। बच्चे भी यह जानते हैं, तभी दौड़कर तसला भर-भरकर चिकनी मिट्टी लाकर दे रहे हैं। आज उसके हाथों में बिजली सी तेज़ी है। कल धनतेरस है। बाज़ार में खूब भीड़ होगी। वो भी अपने बनाये दीये बेचने जायेगा। उनकी बिक्री के पैसे से ढेर सा सौदा लेकर घर आयेगा। घर के लिए भी उसने कुछ दीये निकालकर अलग रख दिए हैं। कल जब तेल लाएगा तो अपना झोंपडा भी रोशन करेगा।
धनतेरस के दिन वो सुबह ही सुबह निकल पड़ा। जाते-जाते बच्चों ने अपनी फरमायशों की पूरी फेहरिस्त थमा दी। घरवाली की आँखों में भी नयी साड़ी की चाहना साफ़ दिख रही थी। उससे सबको इतनी आस है सोच कर, उसकी छाती चौड़ी हो गयी। बाज़ार की चहल-पहल और रौनक ही अलग थी। उसने भी अपनी दुकान सजा दी। समय सरकता जा रहा था। लोग आते और पूजा के लिये दो-चार दीये लेकर चले जाते। वो मन ही मन आस बनाये रहा और सोचता रहा कि क्या ये बड़े लोग दीवाली पर घर नहीं सजाते? मैं गरीब दस-बारह जलाऊंगा तो ये तो सौ-दो सौ जलाते होंगे। आखिर हुआ क्या है? बिक्री क्यों नहीं हो रही? हारकर उसने एक संभ्रांत सी दिखने वाली महिला को आवाज़ दी। “माँ जी, पके हुए बढ़िया दीये हैं, ले जाइये।” महिला ने कृपापूर्वक रूककर जवाब दिया – “नहीं भाई। कौन बत्ती बनाये, लगाये और फिर घूम–घूमकर दीया सजाये? बिजली की लड़ी ही ठीक है।“ यह सुनते ही उसे मानो करंट लगा। बच्चों के चेहरे, घरवाली की ऑंखें और तेल के इंतज़ार में घर पर रखे सूने दीये आँखों के आगे घूम गये। शाम हो गयी थी। अँधेरा छा रहा था। आसमान में भी, उसकी आँखों में भी।
ऐसी हो दीवाली जब आप प्रदूषणकारी मोमबत्ती और बिजली की लड़ियाँ छोड़कर मिट्टी के दीये जलाते हैं तो उन ढेर से दीपों के साथ ही दो दीप किसी की आँखों में भी जलते हैं। उनकी चमक के
धनतेरस के दिन वो सुबह ही सुबह निकल पड़ा। जाते-जाते बच्चों ने अपनी फरमायशों की पूरी फेहरिस्त थमा दी। घरवाली की आँखों में भी नयी साड़ी की चाहना साफ़ दिख रही थी। उससे सबको इतनी आस है सोच कर, उसकी छाती चौड़ी हो गयी। बाज़ार की चहल-पहल और रौनक ही अलग थी। उसने भी अपनी दुकान सजा दी। समय सरकता जा रहा था। लोग आते और पूजा के लिये दो-चार दीये लेकर चले जाते। वो मन ही मन आस बनाये रहा और सोचता रहा कि क्या ये बड़े लोग दीवाली पर घर नहीं सजाते? मैं गरीब दस-बारह जलाऊंगा तो ये तो सौ-दो सौ जलाते होंगे। आखिर हुआ क्या है? बिक्री क्यों नहीं हो रही? हारकर उसने एक संभ्रांत सी दिखने वाली महिला को आवाज़ दी। “माँ जी, पके हुए बढ़िया दीये हैं, ले जाइये।” महिला ने कृपापूर्वक रूककर जवाब दिया – “नहीं भाई। कौन बत्ती बनाये, लगाये और फिर घूम–घूमकर दीया सजाये? बिजली की लड़ी ही ठीक है।“ यह सुनते ही उसे मानो करंट लगा। बच्चों के चेहरे, घरवाली की ऑंखें और तेल के इंतज़ार में घर पर रखे सूने दीये आँखों के आगे घूम गये। शाम हो गयी थी। अँधेरा छा रहा था। आसमान में भी, उसकी आँखों में भी।
ऐसी हो दीवाली जब आप प्रदूषणकारी मोमबत्ती और बिजली की लड़ियाँ छोड़कर मिट्टी के दीये जलाते हैं तो उन ढेर से दीपों के साथ ही दो दीप किसी की आँखों में भी जलते हैं। उनकी चमक के
आगे हर रोशनी फीकी है। है ना?
BY SADHWI CHIDARPITASunday 15 August, 2010
Thursday 11 February, 2010
FEBRUARY 2010
HI AAL
FERBRUARY MAHINA YANI KUNKURI KE MANORANJAN KA MAHINA
PICHLE KAI SALON SE KUNKURI ME 7-10 DINO KA JATRA MELA LAGTA HAI
ISS BAAR BHI 07.02.2010 TO 15.02.2010 TAK MELA LAG RAHA HAI
2 FARVARI KO LIC NE 1 SHHAAM SAHIDON KE NAAM AYOJIT KI THI JISME JAKIR HUSSAIN , RAKESH SHARMA , ABRAR AHMED, AUR SHARMA AYE THE.
7 FERVARI KO GINABAHAR MEENA BAZAR THA
14 FERVARI KO KUNKURI LOYOLA & NIRMALA SCHOOL DWARA MEENA BAZAR HAI
AUR KAI SHADIYAN BHI ISI MAHINE HAI
SO ALL KUNKURIAN INDIA ME JAHAN BHI HAIN FEBRUARY ME KUNKURI JARUR AYEN AUR MAZA LE.
BYEEE
FERBRUARY MAHINA YANI KUNKURI KE MANORANJAN KA MAHINA
PICHLE KAI SALON SE KUNKURI ME 7-10 DINO KA JATRA MELA LAGTA HAI
ISS BAAR BHI 07.02.2010 TO 15.02.2010 TAK MELA LAG RAHA HAI
2 FARVARI KO LIC NE 1 SHHAAM SAHIDON KE NAAM AYOJIT KI THI JISME JAKIR HUSSAIN , RAKESH SHARMA , ABRAR AHMED, AUR SHARMA AYE THE.
7 FERVARI KO GINABAHAR MEENA BAZAR THA
14 FERVARI KO KUNKURI LOYOLA & NIRMALA SCHOOL DWARA MEENA BAZAR HAI
AUR KAI SHADIYAN BHI ISI MAHINE HAI
SO ALL KUNKURIAN INDIA ME JAHAN BHI HAIN FEBRUARY ME KUNKURI JARUR AYEN AUR MAZA LE.
BYEEE
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